रंगमंच है ये दुनिया:-एक अभिनयमंच बड़ी है(Rangmanch hai ye duniya:-ek abhinaymanch bdi hai)
क्या रंगमंच है यह दु निया और यहाँ जन्म लेने वाला हर प्राणी पात्र ? रंगमंच अर्थात् वह विशेषतम स्थान जहाँ हर्ष व विषाद के सामंजस्य के प्रतिफलस्वरूप आनंद का उद्भव होता है,ऐसा कहना यथार्थ ही तो है। Manav jeevan ka shaar इस संसार की यदि बात की जाय,तो यह वह स्थान है जहाँ प्राणी जन्म लेने के साथ ही अभिनय करने लगता है।उसके जन्म पश्चात प्रथम रोने के अभिनय के साथ उसके जीवन नाट्य का प्रारम्भ होता है अर्थात् वह उसके पश्चात सांसारिक आचरण-व्यवहार करने में निपुण हो जाता है। वह सुखी,सम्पन्न व सर्वश्रेष्ठ है इस मिथक के साथ अपनी जीवन यात्रा प्रारम्भ करता है। Rangamanch hai ye duniya:-ek abhinaymanch bdi hai अपने पात्रता को दर्शाने में प्रवीण यहाँ हर एक पात्र जीवन यात्रा को प्रारम्भ करने के पश्चात प्राणी अपने सगे-संबंधियों व आसपास के वातावरण से इस अहं का संपोषक बन जाता है कि उससे शक्तिमान कोई नहीं,वह संसार के प्रत्येक कार्यों को करने में प्रवीण है। जब किसी के हिस्से में सुख आता है,तो उसे ऐसा लगने लगता है कि वह सदैव ही सुखी रहेगा और दुख उसे स्पर्श तक नहीं कर सकता। विडम्बना तो तब हो...