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संघर्षों की पाठशाला जीवन

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संघर्षों की पाठशाला है यह जीवन संघर्षों की पाठशाला है यह जीवन,बुद्धिजीवियों द्वारा यह माना जाता है,यहाँ प्राप्त होने वाले प्रत्येक सुख के पीछे एकमात्र सिद्धांत बस यही है कि जिसने जितना अधिक संघर्ष किया है,वह उतना ही अधिक योग्य होता गया है।   कर्म मार्ग का चयन करना ही श्रेयस्कर प्रगतिवादी इस युग में बढ़ते रहना ही हमारा ध्येय है,परन्तु हमने बढ़ने के लिए लघु मार्गों का चयन किया है। हमें बढ़ते तो रहना है मगर यत्नपूर्वक। यह बिल्कुल उचित नहीं है,क्योंकि कर्तव्य पथ पर हमें अग्रसर तो होना है।मगर कर्म मार्ग का चयन करना ही श्रेयस्कर है।कर्मों का चयन कर आगे बढ़ने से सफलता के मार्ग में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है।           Read more हार-जीत सिक्के के दो पहलू जीवन संघर्षों की एक पाठशाला है जिसने जितना अध्ययन किया,वो उतना ही आगे बढ़ता रहा हार -जीत तो एक सिक्के के दो पहलू हैं,जो किसी भी परिस्थिति में प्रत्यक्ष होंगे ही। बिना इनसे प्रत्यक्ष हुए आगे बढ़ना संभव नहीं। Awismaraniya smrityan dadaji-dadiji ki संघर्षरत संतति ही सर्वोच्चता को प्राप्त डार्विन के विकासवादी स...