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कुछ मृत्युदाता कुछ देव- आज डॉक्टर

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कुछ मृत्युदाता कुछ देव-आज के डॉक्टर कुछ मृत्युदाता तो कुछ देव हैं आज के डॉक्टर, पुरातन काल में ये केवल ईश्वर के प्रतिरूप माने जाते थे , आज कुछ एक को छोड़ शेष ने अपने इस गरिमामय स्थान को नष्ट कर दिया है। मैं सभी की बात तो नहीं कर रहा,पर कुछ एक ने मेरे उपरोक्त लिखे शब्दों को अक्षरशः सत्य किया है। डॉक्टर व जोंक - पुरातन काल में डॉक्टर का अर्थ चिकित्सक,वैद्य या हकीम होता था जिसका मूल कार्य होता है मानव सेवा व उसका स्वास्थ्य।  परन्तु आज के इस परिवेश में यह डॉक्टर या डाक्टर बन कर रह गया है,जिसका विशेषार्थ जोंक की भाँति लिया जाए तो ,इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। जोंक का काम चूसना होता है और डॉक्टर भी मूलतः वही करते हैं। Vicharsunya Bharat-2023 ka Bharat Darshan चिकित्सक के रूप में डॉक्टर - चिकित्सक इन डॉक्टरों के विपरीत कार्य किया करते थे,उनका यह मानना था कि ,मुझे कितनी भी क्षति पहुँच जाए,पर मेरे रोगी को तनिक भी क्षति ना पहुँचे । इसका जीवन्त उदाहरण मेरे दादाश्री थे,जिन्हें मैंने देखा था कि वह रोगियों के स्वास्थ्य के लिए रात-रात भर जागकर उपचार हेतु औषधि बनाया करते थे,उनका काम केव...

विचारशून्य भारत-२०२३ का भारत दर्शन

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विचारशून्य हो गया है भारत क्यों आज विचारशून्य हो गया है भारत ? राष्ट्रीय पर्वों का महत्व आज केवल एक दिन का जयघोष मात्र ही रह गया है !चाहे कोई भी राष्ट्रीय पर्व हो आम आदमी केवल जयघोष कर लेना ही देशप्रेम मानता है   एक बार इस जयघोष को श्रवण करने का सौभाग्य मुझे भी प्राप्त हुआ,हुआ यूँ कि भूलवश ही मैं एक एकदिवसीय जयघोषी व्यक्तित्व के आवास पर उनसे मिलने चला गया,वे तब जोर-शोर से अपने जयघोष के अभ्यास में लगे हुए थे,उनको छेड़ना मुझे किस कदर भारी पड़ा आइए जानते हैं । जयघोषी व्यक्तित्व के विचार Antariksha anusandhan ke dhadkan-vikram sarabhai मैंने जब सदा की भाँति उन्हें उस दिन भूलवश ही जब नमस्कार किया और उनके हाल-चाल पूछ ही क्या लिए,वो एकदम से सुतरी बम की भाँति फूट पड़े कि आज नमस्कार-वमस्कार को मारिए गोली। आप मैं तो भारतीयता के दर्शन ही नहीं हो रहे,कैसे भारतीय हैं आप ? क्या आप मैं माँ भारती के लिए तनिक भी सम्मान नहीं है ? आज क्या दिनांक है,क्या आप ये भी नहीं जानते ? अरे दिनांक को मारिए गोली,क्या आपने किसी से ये भी नहीं सुना कि कल अपने प्यारे भारत देश के लिए एक अनमोल दिवस है। तब मैंने मन...