प्रतिदिन एक सेब :-करे हेल्थ शेव ( Pratidin ek sev:-kare health save)

प्रतिदिन एक सेब :-हैल्थ करे शेव


करे हैल्थ शेव प्रतिदिन एक सेब,सत्य ही तो है शेव एक ऐसा फल है जिसके एक अच्छे प्रकार का सेवन करने से आप और आपका हैल्थ शेव रहता है।
श्रीमान विघ्नकर बाबू को जब यह पता चला कि केवल एक सेब खाने मात्र से स्वास्थ्य यानि हैल्थ को शेव मतलब सुरक्षित रखा जा सकता है,तो इस महीने के वेतन आते ही बाज़ार की ओर वो शेव लेने लपक लिए।
सभी घर वाले,बच्चे परेशान हो गए कि आखिरकार जनाब सुबह-सुबह केवल हाथ-मुँह पोंछ कर बिना दाँत साफ किये चले कहाँ गए।खैर सभी ने विशेष चिन्तन इस पर नहीं किया और सब अपने-अपने दैनिक कार्य में लग गए,इसका कोई कारण विशेष नहीं था क्योंकि सभी उनके इस प्रकार के ऊटपटांग गतिविधि से भली-भाँति परिचित थे।
Pratidin ek sev:-health kare save

राष्ट्रीय सेब दिवस  :-राष्ट्रीय सेब दिवस का प्रारम्भ मूलतः यूरोप में हुआ था।इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र आधारित

कॉमन ग्नाउन्ड संस्था के द्वारा २१ अक्टूबर १९९० को विभिन्न समुदाय में विविधता के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए प्रारम्भ किया गया।
Pratidin ek sev:-health kare save


 कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय सेब दिवस

किसी भी विशेष दिवस को मनाने के पीछे हमारा कुछ न कुछ सकारात्मक उद्देश्य होता ही है।
इस वर्ष राष्ट्रीय सेब दिवस मनाने के पीछे उद्देश्य  सेब के सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व तथा इसके बागानों व  उत्पादों के महत्व को बताने हेतु से है।
इस दिवस को मनाने के लिए लोग निम्नलिखित कार्य करते हैं :-

१. सेब पाई बनाना :-इसे बनाने के लिए लोग अपने घरों में सेब की अपनी कोई पसंदीदा व्यंजन बनाकर उसे हल्की आँच में बैक करते हैं।

२.सेब बागान जाना :-इस अवसर पर लोग सेब बागान जाकर वहाँ से सेब  लाकर तरह-तरह के सेब मिश्रित व्यंजन बनाया करते हैं।

३. सेब दिवस विशेष आयोजन :-इस अवसर पर लोग अपनी पसंद की सेव से निर्मित कोई व्यंजन संग लाकर आपस में बाँटते हैं।
४. केरामेल सेब का निर्माण :-इसमें सेब को मिलाकर चीनी या सिरप को भूरा होने तक गर्म किया जाता है, जिसका इस्तेमाल खाने या पीने के लिए स्वाद या रंग के रूप में किया जाता है।



युट्यूब पर बाबू विघ्नकर का अटूट विश्वास

उनके युट्यूब देखने के शौक से सभी आस-पड़ोस,घर-परिवार भली-भाँति परिचित थे,बल्कि यह कहना अनुचित नहीं होगा कि इनकी युट्यूब में अपार श्रद्धा थी।
युट्यूब पर स्वास्थ्य की देखभाल के लिए  कुछ भी छोटे-मोटे ही सही उपाय जब-जब उन्हें दिख जाते थे,उसी दिन से वे उसके परीक्षण प्रक्रिया में जुट जाते थे।
शुभ-चिन्तकों के लाख समझाने पर भी कि इस युट्यूब पर दिखने वाले सभी चैनल स्पष्ट जानकारी प्रदान नहीं करते,इसलिए आधे-अधूरे ज्ञान पर अमुक वस्तु का उपयोग स्वास्थ्य व प्राण के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं,पर फिर भी वो मानने वाले कहाँ थे।
एक बार तो प्राण यम द्वार तक पहुँच कर लौट आया,हुआ यूँ कि बाबू विघ्नकर जी ने युट्यूब पर किसी चैनल पर यह सुन लिया कि मकई के सत्तु का सेवन करने से पेट साफ रहता है,बस फिर क्या था श्रीमान जी ने घरवालों के मना करने पर भारी मात्रा में इसका लगातार सेवन अति सर्वत्र वर्ज्येत् भूल कर लिया जिससे वे वृहद शूल यानि dysentery का शिकार हो गए।
घर वालों ने आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया,अधिक मकई के सत्तु सेवन ने कमाल कर दिया था।चिकित्सकों ने श्रीमान की जब हालत देखी और घरवालों से इसका कारण पता किया तो जमकर बाबू विघ्नकर जी और परिवारवलों को डाँट लगाया।
किसी तरह से उस दिन तो महाशय के प्राण बाल-बाल बच गए।

राष्ट्रीय सेब दिवस और बाबू विघ्नकर

आज यानि  २१ अक्टूबर को बाबू विघ्नकर जी युट्यूब पर राष्ट्रीय सेब दिवस के बारे में देख-सुन रहे थे और घर-परिवार वाले उनके हाव-भाव से विचलित हो रहे थे कि आज फिर कुछ अकस्मात संकट आने वाला है क्योंकि 
बाबू साहब अपने नाम के अनुरूप ही काम करने में संलग्न रहते थे।युट्यूब पर राष्ट्रीय सेब दिवस के अवसर पर सेब की किस्में जिनके नाम और उत्पादन स्थान व स्वाद वर्णन निम्न प्रकार हैं सुन रहे थे :-
(i) अम्बरी सेब:-यह जम्मू-कश्मीर में उत्पादित होने वाला सेब की किस्म है जो अपनी मीठी सुगन्ध के कारण उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है।
(ii)मैकिन्टोश सेब :-उत्तराखंड ,उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में यह सेब अपने नरम छिलके,मलाईदार गूदे और मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है।
(iii) ग्रैनी स्मिथ सेब :- इस पारंपरिक सेब की किस्म को इसके स्वाद,गंध और बनावट से पहचाना जा सकता है।
इसका उपयोग पैस्ट्री,कैक,जैम,जूस इत्यादि के निर्माण में होता है।यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
(iv) हनीक्रिस्प सेब :- अपनी कुरकुरी बनावट और मिठास के लिए प्रसिद्ध इस सेब की ताजगी शेल्फ लाईफ यानि भंडारण जीवन को बढ़ाता है,जिसकी वजह से इसका निर्यात आसानी से किया जा सकता है।
(v) गोल्डेन सेब :-इस सेब को इसके हरे और सुनहरे छिलके के लिए जाना जाता है।

बाबू विघ्नकर की सेब की दीवानगी

श्रीमान ने अपने स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सेब से जुड़ी जानकारी को सुनकर जैसे-तैसे रात बिताई और सवेरे तड़के उठकर केवल हाथ-मुँह पोंछ कर बाजा़र की ओर चल दिये।
जेब में नोटों की पूरी गड्डी,उनके एक माह का पूरा वेतन आज इस सेब पर कुर्बान होने को आतुर था।
जिस एक सेब ने रोग को दूर करने का बीड़ा उठाया था,उस सेब ने बाबू विघ्नकर के हाथों माता लक्ष्मी की स्वतंत्रता का पुख्ता इन्तजाम कर रखा था।
आज वे बाज़ार में एक फल के दुकान से दूसरे दुकान मधुकरों की भाँति भ्रमण कर रहे थे।
आस-पास के लोग उनकी बैचेनी देखकर हैरान-परेशान थे क्योंकि वो युट्यूब पर बताए सेब के सभी किस्मों को बाज़ार में ढूँढ रहे थे,जो मिल पाना संभव इसलिए नहीं था क्योंकि आम लोग फलों के नाम भी बोलचाल की भाषा में ही जानते हैं,यहाँ खटका,मिटका,ललका सेब की जगह बाबू विघ्नकर हनीक्रिस्प ,गोल्डेन और अम्बरी तलाश रहे थे।
इसलिए इस प्रकार के सेब का मिल पाना शायद व संयोगवश ही था।

कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
१ .सेब की किस विशेषता के कारण लोग इसे अधिक पसन्द करते हैं ?
उत्तर-सेब एन्टीऑक्सीडेंट से भरा होता है यानि कि यह ऑक्सीकरण रोधी है। ये एन्टीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से सुरक्षित रखते हैं और कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं।

२. सब्जियों और फलों में प्राकृतिक रूप से क्या होता है ?
उत्तर- इनमें प्राकृतिक रूप से एन्टीऑक्सीडेंट मौजूद होता है
३. सेब की किस किस्म का उत्पादन जम्मू-कश्मीर में होता है ?
उत्तर-अम्बरी सेब का उत्पादन जम्मू-कश्मीर में होता है।
४. लाल अम्बरी सेब का निर्माण कैसे किया जाता है ?
उत्तर- इसका निर्माण दो सेब को क्रॉस करके होता है।
५. सेन जोस स्केल से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- यह सेब के फसल को नुकसान पहुँचाने वाला एक कीट है।इसमें वयस्क कीट पीले रंग का होता है और उसके ऊपर काले भूरी परत होती है।
६. सेन जोस स्केल कीट का प्रयोग सेब की फसल में कब देखा जा सकता है ?
उत्तर- इसका प्रकोप पौधे की फसल में मार्च से दिसम्बर तक देखा जा सकता है।
७. सेब किस तरह की जलवायु का फल है ?
उत्तर-यह शीतोष्ण जलवायु का फल है।
८. जुलाई-अगस्त में माह में पकने वाली सेब की कौन-कौन सी प्रजातियां हैं ?
उत्तर-जुलाई-अगस्त माह में पकने वाली सेब की प्रजातियां हैं :-टाइडमैन,अर्ली वारसेस्टर तथा अर्ली शनवरी,चौबटिया प्रिंसेज इत्यादि।
९. सितंबर- अक्टूबर माह में पकने वाली सेब की प्रजातियां कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-सितंबर- अक्टूबर माह में पकने वाली सेब की प्रजातियां हैं :-रायमर,बंकिघम, गेनी स्मिथ इत्यादि।
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